मिलना हुआ था
--- अरुण सिन्हा
तुम नहीं मिले कोई गम नहीं
तुम्हें भी कोई गम नही ।
क्योंकि मिलने के पहले से ही
हम दोनों जानते थे
कि होगा एक दिन बिछुड़ना ।
फिर भी जरुरी था तुम्हारा हमारा मिलना
क्योंकि हम दोनों मिले थे निःस्वार्थ से ।
तुम्हें भय नहीं था कुछ खोने का
मुझे भी लोभ नहीं था कुछ पाने का ।
था यह सिर्फ आकर्षण स्त्री पुरुष होने का
जैसे मिलना हुआ था राधा और कृष्ण का ।
n अरुण सिन्हा, दिनांक
14.2.2013
No comments:
Post a Comment